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"कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 5" के अवतरणों में अंतर
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चंवर मोरछल करते थे, | चंवर मोरछल करते थे, | ||
− | + | सेवा से दिल न अघाते थे | | |
यह आनन्द अद्भुत देख-देख, | यह आनन्द अद्भुत देख-देख, | ||
द्विज जाने यह जाने न मुझे | | द्विज जाने यह जाने न मुझे | | ||
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प्रभु शायद पहचाने न मुझे | | प्रभु शायद पहचाने न मुझे | | ||
भक्त की कल्पना सभी, | भक्त की कल्पना सभी, | ||
− | + | उर अन्तर्यामी जान गये | | |
भक्त सुदामा के दिल की, | भक्त सुदामा के दिल की, | ||
− | + | बाते सब ही पहचान गये | | |
बोले घनश्याम याद है कछु, | बोले घनश्याम याद है कछु, | ||
जब हम तुम दोनों पढ़ते थे | | जब हम तुम दोनों पढ़ते थे | | ||
थी कृपा गुरु की अपने पर, | थी कृपा गुरु की अपने पर, | ||
पढ़-पढ़ के आगे बढ़ाते थे | | पढ़-पढ़ के आगे बढ़ाते थे | | ||
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19:33, 1 दिसम्बर 2012 का अवतरण
चंवर मोरछल करते थे,
सेवा से दिल न अघाते थे |
यह आनन्द अद्भुत देख-देख,
द्विज जाने यह जाने न मुझे |
करते हैं स्वागत धोके में,
प्रभु शायद पहचाने न मुझे |
भक्त की कल्पना सभी,
उर अन्तर्यामी जान गये |
भक्त सुदामा के दिल की,
बाते सब ही पहचान गये |
बोले घनश्याम याद है कछु,
जब हम तुम दोनों पढ़ते थे |
थी कृपा गुरु की अपने पर,
पढ़-पढ़ के आगे बढ़ाते थे |