भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दुःख दर्द का साथी दुनिया में / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी | }} {{KKCatGhazal}} <poem> दुःख द...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:28, 9 जनवरी 2013 का अवतरण
दुःख दर्द का साथी दुनिया में, देखा कोई यार नहीं मिलता |
हैं सुख के साथी बहुतेरे, उनसे कोई सार नहीं मिलता ||
सहना है दर्द अकेले ही, कहना है किसको जाकर के |
कुछ रहे यार मुसकाकर के, कुछ समय बितायें गाकर के |
शिवदीन जगत को देख लिया, कोई दिलदार नहीं मिलता ||
इसलिए शरण प्रभु की होना, सतसंग से पाप सकल धोना |
संतन के संग उमंग सदा, पर ये बाजार नहीं मिलाता ||