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"काली हिरनी / श्याम कश्यप" के अवतरणों में अंतर

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''' श्रृंघश्चश्चश्चश्चे कृष्णमृगस्य वामनयनं कण्डूयमानां मृगीम ।।'''
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''' श्रृंघश्चे कृष्णमृगस्य वामनयनं कण्डूयमानां मृगीम ।।'''
 
                                                     '''-अभिज्ञान शाकुंतलम्‌; ६ : १७'''
 
                                                     '''-अभिज्ञान शाकुंतलम्‌; ६ : १७'''
 
   
 
   

22:21, 20 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

श्रृंघश्चे कृष्णमृगस्य वामनयनं कण्डूयमानां मृगीम ।।
                                                     -अभिज्ञान शाकुंतलम्‌; ६ : १७
 
मेरे दिल में कुलाँचें
भरती है एक काली हिरनी
मन करता है मेरा कि मैं
बन जाऊँ हिरन चितकबरा

अपने सुन्दर सींग की नोक से
खुजलाऊँ धीरे से हिरनी की
बड़ी-बड़ी आँखों की कोर-
नाभि से उड़ाता कस्तूरी-गंध !