भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वली दक्कनी / परिचय

1,148 bytes added, 10:56, 1 मार्च 2013
{{KKGlobal}}{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=वली दक्कनी उर्दु के }}वली दक्कनी को उर्दू गजल का बाबा आदम माना जाता है। इसके पहले साहिब ए भारत में गजल फारसी में लिखी जाती थी – फारसी कवियों की उपमाओं और प्रतीकों के साथ, जिनका भारतीय वातावरण से मेल नहीं था। वली ने न केवल उर्दू में गजल कहना शुरू किया, बल्कि उसका देशीकरण भी किया। सौंदर्य चित्रण और इश्क-मजाजी के तो वे मास्टर थे। उर्दू का पहला दीवान शैर हैंउन्हीं का मिलता है। उनके सहज, ऐंद्रिक और संगीतमय शेरों ने उर्दू कविता का वातावरण ही बदल दिया, जिससे जौक, सौदा और मीर जैसे महान शायर निकले।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,103
edits