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"उसका रिश्ता जरूर माओ से होगा (कविता) / दिनकर कुमार" के अवतरणों में अंतर

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13:42, 12 मार्च 2013 के समय का अवतरण

वह देश के हालात से बेचैन बना रहता है
वह उजड़ती हुई आबादी की पीड़ा को अपने
सीने में सुलगते हुए पाता है उसे अन्याय के
सारे मंज़र चुनौती देते हुए नज़र आते हैं
वह ठण्डे चूल्हों और भूखे बच्चों को देखकर
ईश्वर या भाग्य को नहीं कोसता
वह नदियों को बिकते हुए देखकर
किसानों को आत्महत्या करते हुए देखकर
खेतों को रौंदकर बसाए जा रहे विशेष आर्थिक-क्षेत्र को देखकर
जंगलों को उजाड़कर कारख़ानों को बसते हुए देखकर
गुस्से से अपनी मुट्ठी भींच लेता है
उसका रिश्ता जरूर माओ से होगा

अभी तक उसने गँवाई नहीं है रीढ़ की हड्डी
अभी तक वह शामिल नहीं हुआ है भेड़ों की जमात में
अभी तक उसके सीने में बची हुई है बेचैनी
उसकी आँखों में है बदलाव का मानचित्र
अभी तक वह सच्चा है
इसीलिए उसका रिश्ता जरूर माओ से होगा

उसे घोषित किया जाएगा आन्तरिक सुरक्षा के लिए ख़तरा
फर्जी मुठभेड़ मे उसकी हत्या की दी जाएगी।