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"बोलिये सुरीली बोलियाँ / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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(गुलज़ार का लिखा यह गीत सन् १९७९ में बनी हिन्दी फ़िल्म गृहप्रवेश में सम्मलित किया गया था)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:37, 9 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

बोलिये सुरीली बोलियाँ
खट्टी मीठी आँखों की रसीली बोलियाँ

रात में घोले चाँद की मिश्री
दिन के ग़म नमकीन लगते हैं
नमकीन आँखों की नशिली बोलियाँ

गूंज रहे हैं डूबते साये
शाम की खुशबू हाथ ना आये
गूंजती आँखों की नशिली बोलियाँ