भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाये / राहत इन्दौरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राहत इन्दौरी }} Category:गीत <poem> देखो दे...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 33: पंक्ति 33:
  
  
यह गीत राहत इन्दौरी ने फ़िल्म 'इश्क'(1997)  के लिए लिखा था ।
+
यह गीत राहत इन्दौरी ने फ़िल्म 'इश्क' (1997)  के लिए लिखा था ।

14:48, 9 अप्रैल 2013 का अवतरण

देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाये
सोचो सोचो दुनिया में क्यूँ आये, तेरे लिए आये
अब तू हमें चाहे, अब तू हमें भूले
हम तो बने रहेंगे तेरे साए

ये क्या हमें हुआ, ये क्या तुम्हें हुआ
साँसों के दरिया में कुलमुल सी होने लगी
नई है ये सजा, सजा में है मज़ा
चाहत को चाहत की शबनम भिगोने लगी
अब और क्या चाहें, अब और क्या देखें
देखा तुम्हे तो दिल से निकली हाय

देखो देखो जानम हम...

सुनो ज़रा सुनो, चुनो हमें चुनो
आँखों ने शरमाके कुछ कह दिया
सुना मैंने सुना, तुम्हे चुना
शीशे ने शीशे से टकराके कुछ कह दिया
है पल मुरादों के, है पल ये यादों के
अब मेरी जान रहे या चली जाए

देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाये
सोचो सोचो दुनिया में क्यूँ आये, तेरे लिए आये
अब तू हमें चाहे, अब तू हमें भूले
हम तो बने रहेंगे तेरे साए


यह गीत राहत इन्दौरी ने फ़िल्म 'इश्क' (1997) के लिए लिखा था ।