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"मंह मंह बेल कचेलियाँ / नामवर सिंह" के अवतरणों में अंतर

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मंह-मंह बेल कचेलियाँ, माधव मास
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मँह-मँह बेल कचेलियाँ, माधव मास
 
सुरभि-सुरभि से सुलग रही हर साँस
 
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लुनित सिवान, सँझाती, कुसुम उजास
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ससि-पाण्डुर क्षिति में घुलता आकास
 
ससि-पाण्डुर क्षिति में घुलता आकास
  
फ़ैलाए कर ज्यों वह तरु निष्पात
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फैलाए बाहें ज्यों सरिता वात
 
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फैल रहा यह मन जैसे अज्ञात
 
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फैल रहे प्रिय, दिशि-दिशि लघु-लघु हाथ !
फैल रहे प्रिय, दिशि-दिशि लघु-लघु हाथ!
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14:04, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

मँह-मँह बेल कचेलियाँ, माधव मास
सुरभि-सुरभि से सुलग रही हर साँस
लुनित सिवान, सँझाती, कुसुम उजास
ससि-पाण्डुर क्षिति में घुलता आकास

फैलाए कर ज्यों वह तरु निष्पात
फैलाए बाहें ज्यों सरिता वात
फैल रहा यह मन जैसे अज्ञात
फैल रहे प्रिय, दिशि-दिशि लघु-लघु हाथ !