भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[पता कहीं से तेरा अब के फिर लगा लाए / 'आशुफ़्ता' चंगेज़ी]]
* [[सभी को अपना समझता हूँ क्या हुआ है मुझे / 'आशुफ़्ता' चंगेज़ी]]
* [[तमाम शह्र से नज़रें चुराए फिरता है / 'आशुफ़्ता' चंगेज़ी]]