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"शाम से पहले अगर तुमको चला जाना था / ‘अना’ क़ासमी" के अवतरणों में अंतर

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13:41, 14 मई 2013 के समय का अवतरण

शाम से पहले अगर तुमको चला जाना था
ऐसे आने से बेहतर तेरा ना आना था

फिर खुदा जाने के ये प्यास बुझाई किसने
अब्र था, झील थी, वो आंख थी, पैमाना था

हर जगह खूब मजे़ लेके सुनी है सबने
दास्तां मेरी थी और आप का फ़रमाना था

चांद को झील में डुबकी भी अभी लेना थी
रूख़ से आंचल भी अभी आपको सरकाना था
 
और तुम हो कि तुम्हें थोड़ी सी फुरसत ही नहीं
तुमको तनहाई में कुछ बैठ के समझाना था

बचना दुश्वार था शैतान की ख़ालाओं से
कुछ पशोपेश में कल रात से मौलाना था