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"उस अहसास को / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर
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रंगीन तितलियों-सी
आती है कविताएं
देखने में उन्हें
खो जाता हूं मैं
और इस अहसास को
एक स्मृति के रूप में
बस लिख देता हूं.....
कागज पर
शब्दों के सहारे
कभी-कभी!