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"गुड़िया-3 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>जिस गुड़िया से था
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प्यार बचपन में
 
प्यार बचपन में
 
वह कितना निष्पाप था
 
वह कितना निष्पाप था

06:19, 16 मई 2013 का अवतरण

जिस गुड़िया से था
प्यार बचपन में
वह कितना निष्पाप था

उसे दिन-रात चूमना
और बार-बार गले लगाना
कितना बेदाग था

अब पाप में
दाग गिन भी नहीं पाता !