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"सुख / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर
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किसी का होना
सुख है
किसी का नहीं होना
सुख है
हो तो यह भी
सकता है-
किसी का होना नहीं होना
हो एक दुख
पर साथ रखें हम
उसे सुख की तरह।
उसका नहीं होना
होगा दुख
चाहत है हमें उसी की
करते हैं इंतजार
किसी सुख की तरह।