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"सुख / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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06:32, 16 मई 2013 के समय का अवतरण

किसी का होना
सुख है
किसी का नहीं होना
सुख है

हो तो यह भी
सकता है-
किसी का होना नहीं होना
हो एक दुख
पर साथ रखें हम
उसे सुख की तरह।

उसका नहीं होना
होगा दुख
चाहत है हमें उसी की
करते हैं इंतजार
किसी सुख की तरह।