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"तिल भर जगह / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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06:36, 16 मई 2013 के समय का अवतरण

ठुड्डी पर
जो तिल है तुम्हारे
बहुत सुंदर है
मैं देखता हूं तुम्हे
पैंतालीस डिग्री के कोण से
तुम खोई हो
अपनी किसी दुनिया में.....

तुम्हारी उस दुनिया में
यदि नहीं है जगह
प्रेम के लिए!
तो बस इतना करना
तिल भर दे देना जगह
अपने सुंदर तिल को।