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"जीवन / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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+ | नयों के लिए | ||
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+ | यह दुनिया छोड़ जाते हैं |
00:39, 21 अक्टूबर 2007 का अवतरण
बेचैन होते हैं
फड़फड़ाते हैं
पेड़ों से टूट कर गिर जाते हैं
पुराने पत्ते
नयों के लिए
यह दुनिया छोड़ जाते हैं