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"दिवला अर बाट /अंकिता पुरोहित" के अवतरणों में अंतर

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('<poem>छोरा घर रा दिवला होवै तो छोरियां होवै बाट दोन्या...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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<poem>छोरा
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घर रा
 
घर रा
 
दिवला होवै
 
दिवला होवै

17:56, 6 जुलाई 2013 का अवतरण

छोरा
घर रा
दिवला होवै
तो छोरियां
होवै बाट
दोन्यां नै राख्यां बराबर
सैंचण होवै घर
फेर पसरै ठाट ई ठाट!
 
च्यानणो दिवलो करै
लोगड़ा भरमै क्यूं धरै
बिना बाट
कदैई नीं देख्यो
दिवलै नंै करता च्यानणो।
 
दिवलै अर बाट री
गाथा नैं समझणो पड़सी
दिवलै रै साथै
बाट नैं भी
अरथावणो पड़सी।