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"आज मैं अकेला हूँ / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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02:37, 12 दिसम्बर 2007 के समय का अवतरण

(1)


आज मैं अकेला हूँ

अकेले रहा नहीं जाता।


(2)


जीवन मिला है यह

रतन मिला है यह

धूल में

कि

फूल में

मिला है

तो

मिला है यह

मोल-तोल इसका

अकेले कहा नहीं जाता


(3)


सुख आये दुख आये

दिन आये रात आये

फूल में

कि

धूल में

आये

जैसे

जब आये

सुख दुख एक भी

अकेले सहा नहीं जाता


(4)


चरण हैं चलता हूँ

चलता हूँ चलता हूँ

फूल में

कि

धूल में

चलता

मन

चलता हूँ

ओखी धार दिन की

अकेले बहा नहीं जाता।