भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
}}
{{KKShayar}}
* [[ बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ बे-क़नाअत काफ़िले हिर्स ओ हवा ओढ़े हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ कभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ खुश-गमाँ हर आसरा बे-आसरा साबित हुआ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ नक़ाब उस ने रूख़-ए-हुस्न-ए-ज़र पे डाल दिया / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ निगाह-ए-हुस्न-ए-मुजस्सम अदा हो छूते ही / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[ रात भर सूरज के बन कर हम-सफ़र वापस हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]* [[तमाम रंग जहाँ इल्तिजा के रक्खे थे / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]]