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"बदले पैमाने / शिवकुटी लाल वर्मा" के अवतरणों में अंतर
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मौसम तो यह भाईचारा देख दंग रह गया | मौसम तो यह भाईचारा देख दंग रह गया | ||
चिड़ियों की चोंचों से छूट गए गाने | चिड़ियों की चोंचों से छूट गए गाने | ||
− | काँपे गुफ़ा-घाटी बदले पैमाने | + | काँपे गुफ़ा-घाटी, |
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बिना रटे सबक बच्चे हो गए सयाने । | बिना रटे सबक बच्चे हो गए सयाने । | ||
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00:44, 22 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
गोली लगी
झुकी हुई पीठ में
निकल पड़े ख़ून की जगह
घुन लगे गेहूँ के दाने
सभी थे भूखे
बाँट लिया मिल-जुल
सिपाहियों ने
हत्यारों ने
भ्रष्ट मुकुटों ने
मौसम तो यह भाईचारा देख दंग रह गया
चिड़ियों की चोंचों से छूट गए गाने
काँपे गुफ़ा-घाटी,
बदले पैमाने
बिना रटे सबक बच्चे हो गए सयाने ।