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और दिलाती है याद | और दिलाती है याद | ||
हमारा साम्राज्य चाहे जितना बड्ा हो | हमारा साम्राज्य चाहे जितना बड्ा हो | ||
− | शरीर उससे बाहर ही है | + | शरीर उससे बाहर ही है |
इसकी अप्रिय कर्कश ध्वनि | इसकी अप्रिय कर्कश ध्वनि | ||
− | प्रियजनों को भी करती है आशंकित | + | प्रियजनों को भी करती है आशंकित |
− | यह घोषणा | + | यह घोषणा है |
− | हमारे नियंृण | + | शरीर के हमारे नियंृण से बाहर |
− | + | अपनी तरह से | |
− | + | परतंृ और स्वतंृ दोनो होने की | |
− | खांसी | + | खांसी का होना |
− | अगर | + | हमेशा उदास कर देता है |
− | + | अगर सुन सको तो | |
− | + | यह सबसे बड्ा धार्मिक प्रवचन है ं |
14:10, 29 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
खांसी
अनेच्छिक क्रिया है एक
और दिलाती है याद
हमारा साम्राज्य चाहे जितना बड्ा हो
शरीर उससे बाहर ही है
इसकी अप्रिय कर्कश ध्वनि
प्रियजनों को भी करती है आशंकित
यह घोषणा है
शरीर के हमारे नियंृण से बाहर
अपनी तरह से
परतंृ और स्वतंृ दोनो होने की
खांसी का होना
हमेशा उदास कर देता है
अगर सुन सको तो
यह सबसे बड्ा धार्मिक प्रवचन है ं