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{{KKRachna|रचनाकार: [[कवि का नाम]]=कुमार विश्वास|संग्रह=कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास[[Category:कविताएँ]]}}{{KKCatGeet}}[[Category:कवि का नाम]]<poem>    ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~    बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे 
प्यासे तन-मन-जीवन को
 इस बार तो तू तर कर दे बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे 
अंबर से अमृत बरसे
 
तू बैठ महल मे तरसे
 
प्यासा ही मर जाएगा
 
बाहर तो आजा घर से
 
इस बार समन्दर अपना
 
बूँदों के हवाले कर दे
 बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे 
सबकी अरदास पता है
 
रब को सब खास पता है
 जो पानी मे में घुल जाए 
बस उसको प्यास पता है
 बूँदों की लडी लड़ी बिखरा दे 
आँगन मे उजाले कर दे
 बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे
प्यासे तन-मन-जीवन को
 
इस बार तू तर कर दे
 बादडियो बादड़ियो गगरिया भर दे  ----कोई दीवाना कहता है(२००७) मे प्रकाशित   http://kumarvishwas.com/    http://www.orkut.com</Community.aspx?cmm=23427391poem>
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