"प्रश्नोत्तर में जोगीरा / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर
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− | कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का ? | + | <poem> |
− | पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का ? | + | मित्रो भेद बताओ महावीर उस लंका के, |
− | कौन तरफ से गये महावीर, भेद जो पाये अन्दर का ? | + | जो दहन किया गढ़ लंका के ना। |
− | विभीषण से मुलाकात हुआ कब, दिन रहा कि रात ? | + | कवन बात पर महावीर ने भेष बनाया बन्दर का? |
− | जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का। | + | कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का? |
− | कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को ? | + | पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का? |
− | कौन दूत ने खबर दिया था, जाकर सभा में रावन को ? | + | कौन तरफ से गये महावीर, भेद जो पाये अन्दर का? |
− | उसी दूत का नाम बता दो, आज सभा में धावन को। | + | विभीषण से मुलाकात हुआ कब, दिन रहा कि रात? |
− | परी रहा कि देव रहा, कि था लड़का उ ब्राह्मन का ? | + | जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का। |
− | पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा, था किस निस्चर का बेटा ? | + | कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को? |
− | फूंका घर वो पहले किसका, महावीर ने जाकर के ? | + | कौन दूत ने खबर दिया था, जाकर सभा में रावन को? |
− | नर -नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके ? | + | उसी दूत का नाम बता दो, आज सभा में धावन को। |
− | रहा कौन समय ओ बेरा, उसने पूंछ कै दफे फेरा ? | + | परी रहा कि देव रहा, कि था लड़का उ ब्राह्मन का? |
− | गुजरा कै दिन शंका का, जो दहन किया गढ़ लंका का। | + | पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा, था किस निस्चर का बेटा? |
− | गोरे काले मरे थे कितने, बिगे गये उठा करके ? | + | फूंका घर वो पहले किसका, महावीर ने जाकर के? |
− | हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके। | + | नर -नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके? |
− | किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का ? | + | रहा कौन समय ओ बेरा, उसने पूंछ कै दफे फेरा? |
− | उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का ? | + | गुजरा कै दिन शंका का, जो दहन किया गढ़ लंका का। |
− | वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का। | + | गोरे काले मरे थे कितने, बिगे गये उठा करके? |
− | कहे शिवनन्दन खोलो भेद, दिल से हटाकर संका का। | + | हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके। |
− | जो दहन किया था लंका का।< | + | किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का? |
+ | उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का? | ||
+ | वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का। | ||
+ | कहे शिवनन्दन खोलो भेद, दिल से हटाकर संका का। | ||
+ | जो दहन किया था लंका का। | ||
+ | </poem> |
14:19, 21 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
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मित्रो भेद बताओ महावीर उस लंका के,
जो दहन किया गढ़ लंका के ना।
कवन बात पर महावीर ने भेष बनाया बन्दर का?
कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का?
पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का?
कौन तरफ से गये महावीर, भेद जो पाये अन्दर का?
विभीषण से मुलाकात हुआ कब, दिन रहा कि रात?
जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का।
कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को?
कौन दूत ने खबर दिया था, जाकर सभा में रावन को?
उसी दूत का नाम बता दो, आज सभा में धावन को।
परी रहा कि देव रहा, कि था लड़का उ ब्राह्मन का?
पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा, था किस निस्चर का बेटा?
फूंका घर वो पहले किसका, महावीर ने जाकर के?
नर -नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके?
रहा कौन समय ओ बेरा, उसने पूंछ कै दफे फेरा?
गुजरा कै दिन शंका का, जो दहन किया गढ़ लंका का।
गोरे काले मरे थे कितने, बिगे गये उठा करके?
हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके।
किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का?
उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का?
वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का।
कहे शिवनन्दन खोलो भेद, दिल से हटाकर संका का।
जो दहन किया था लंका का।