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"तेरे आने की जब ख़बर महके / नवाज़ देवबंदी" के अवतरणों में अंतर

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ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके
 
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दीद हो जाये तो नज़र महके
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वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
 
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08:13, 25 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

तेरे आने की जब ख़बर महके
तेरे ख़ुशबू से सारा घर महके

शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके

रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके

याद आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके

वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके