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/* ग़ज़लें */
* [[कभी जो ख़ाक की तक़रीब-ए-रू-नुमाई हुई / रफ़ी रज़ा]]
* [[ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल / रफ़ी रज़ा]]
* [[मैं अपनी आँख को उस को का जहान दे दूँ क्या / रफ़ी रज़ा]]
* [[पेड़ सूखा हर्फ़ का और फ़ाख़ताएँ मर गईं / रफ़ी रज़ा]]
* [[रात मैं शाना-ए-इदराक से लग कर सोया / रफ़ी रज़ा]]
* [[वहशत में निकल आया हूँ इदराक से आगे / रफ़ी रज़ा]]
* [[ज़मीं को बोझ और उस पर ये आसमान का बोझ / रफ़ी रज़ा]]