भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
लोकगीत
,* [[ बारह बरस पीछै (विरह -गीत) / खड़ी बोली]]
* [[ तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो / खड़ी बोली]]
* [[ देखो सावन में हिंडोला झूलैं (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ छैला छाय रहे मधुबन में (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ आई सावन की बहार (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ हरि संग डारि-डारि गलबहियाँ (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ हरि बिन जियरा मोरा तरसे (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ अजहू न आयल तोहार छोटी ननदी (कजरी) / खड़ी बोली]]
* [[ झूला झूलन हम लागी हो रामा (कजरी) / खड़ी बोली]]
</td>