भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शिकार / रूपसिंह राजपुरी

3 bytes added, 14:52, 16 अक्टूबर 2013
|संग्रह=
}}
{{KKCatMoolRajasthaniKKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita‎}}<poem>बेटा-बेटी मैं फर्क करैं जका,
समझ ल्यो बां रो राम निसरग्यो।
ऊत, कपूत घणां ई जामयां,
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits