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"कारीगर / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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07:29, 19 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

छांटणां पड़ै
हरेक रचणां सारू
परवाणै रा सबद
मुस ज्यावै काठा स्यूं
कंवळा पग,
ढीलां स्यूं
कोनी भर सकै डग
जका जाणै आ साच
बै उठासी ले‘र माप
कलम‘र कागद !