भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रयोगरत / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
 
|संग्रह=
 
}}
 
  
आदमी में-
+
=====================================================
 
+
महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ
चाह जीवन की  
+
=====================================================
  
सनातन और सर्वाधिक प्रबल है;
+
महेंद्रभटनागर
  
 
   
 
   
  
जबकि
+
द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।
  
हर जीवंत की
+
सन्१९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब कवि (पन्द्रह वर्षीय) 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) का छात्र था। सम्भवतः प्रथम कविता 'सुख-दुख' है; जो वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।
  
अंतिम सच्चाई
+
लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।
  
मृत्यु है !
+
हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।
  
हाँ, अंत निश्चित है,
+
समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।
 +
सन्१९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस / इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।
  
अटल है
+
सन्१९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।
  
+
प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय — प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।
  
लेकिन सत्य है यह भी -  
+
काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।
 +
छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।
 +
काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।
 +
सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व।
 +
विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।
  
अमरता की : अजरता की
+
२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म।
 +
प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.
 +
जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में।
 +
'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
 +
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
  
लहकती वासना का वेग
+
सम्प्रति शोध-निर्देशक — हिन्दी भाषा एवं साहित्य।
  
होगा कम नहीं,
+
अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
  
अद्भुत पराक्रम आदमी का
+
सम्पर्क :
 +
डा. महेंद्रभटनागर
 +
सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.]
 +
फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८  /  मो. ९८ ९३४ ०९७९३
 +
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
 +
drmahendrabh@rediffmail.com
  
चाहता कलरव,
 
  
रुदन मातम नहीं !
+
*********
  
हर बार
+
'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'
  
ध्रुव मृति की चुनौती से
+
खंड : १
  
निरंतर जूझना स्वीकार !
+
१ तारों के गीत
 +
२ विहान
 +
३ अन्तराल
 +
४ अभियान
 +
५ बदलता युग
 +
६ टूटती शृंखलाएँ
  
मृत्युंजय
+
खंड : २
  
बनेगा वह; बनेगा वह !
+
७ नयी चेतना
 +
८ मधुरिमा
 +
९ जिजीविषा
 +
१० संतरण
 +
११ संवर्त
  
 +
खंड : ३
  
=====================================================
+
१२ संकल्प
महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ
+
१३ जूझते हुए
=====================================================
+
१४ जीने के लिए
 +
१५ आहत युग
 +
१६ अनुभूत-क्षण
 +
१७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध
 +
१८ राग-संवेदन
 +
 
 +
प्रतिनिधि संकलन
 +
 
 +
१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत]
 +
२० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]
 +
 
 +
मूल्यांकन  /  शोध
 +
 
 +
[१]            महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :
 +
                अन्तःअनुशासनीय आकलन
 +
                  डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
 +
 
 +
[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
 +
डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)
 +
 
 +
[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना
 +
ममता मिश्रा (स्व.)
 +
 
 +
[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान
 +
सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)
 +
 
 +
[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि
 +
सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)
 +
 
 +
[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व
 +
सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)
 +
 
 +
[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर
 +
सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)
 +
 
 +
[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार
 +
सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)
 +
 
 +
[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन
 +
डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)
 +
 
 +
[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.)
 +
डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
 +
 
 +
[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर :
 +
                अनुभूति और अभिव्यक्ति /
 +
(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
 +
डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
 +
 
 +
[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का
 +
                  वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल
 +
(शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
 +
डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
 +
 
 +
[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व
 +
                  (शोध / कर्नाटक वि.)
 +
डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
 +
 
 +
[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का
 +
                  नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन
 +
(शोध / दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
 +
डा. कविता शर्मा (आगरा)
 +
 
 +
[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना
 +
(शोध / कानपुर वि.)
 +
डा. अलका रानी (कन्नौज)
 +
 
 +
[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध
 +
(शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा)
 +
डा. मीना गामी (दरभंगा)
 +
 
 +
********
 +
 
 +
CRITICAL  STUDY  OF  MAHENDRA  BHATNAGAR'S POETRY
 +
 
 +
[1]The Poetry  of Mahendra Bhatnagar :
 +
Realistic & Visionary Aspects
 +
Ed. Dr. O.P. Budholia
 +
 
 +
[2]Living Through Challenges :
 +
A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry
 +
By Dr. B.C. Dwivedy.
 +
 
 +
[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : 
 +
His Mind And Art / (In Eng. & French)
 +
Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi
 +
 
 +
Works :
 +
Forty Poems of  Mahendra Bhatnagar
 +
After The Forty Poems
 +
Exuberance and other poems
 +
Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry
 +
Death-Perception : Life-Perception 
 +
Poems : For A Better World
 +
Passion and Compassion 
 +
Lyric-Lute
 +
A Handful  of  Light 
 +
Dawn to Dusk
 +
 
 +
Translations :
 +
In French :
 +
A Modern Indian Poet : Dr. Mahendra
 +
Bhatnagar : UN POÈTE  INDIEN  ET
 +
MODERNE / Tr. Mrs. Purnima Ray
 +
 
 +
In Tamil : Kaalan Maarum,
 +
Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal.
 +
In Telugu : Deepanni Veliginchu.
 +
In Kannad & In Bangla : 
 +
Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh.
 +
In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita
 +
In Oriya : Kala-Sadhna.
 +
In Malyalam,  Gujrati, Manipuri, Urdu.
 +
In Czech, Japanese, Nepali, 
 +
 
 +
******
 +
 
 +
Links :
 +
HINDI
 +
www.blogbud.com/author 5652
 +
 
 +
ENGLISH-FRENCH
 +
www.poetrypoem.com/mpb1
 +
 
 +
ENGLISH
 +
(1) www.poetrypoem.com/mpb2
 +
[Selected Poems 1,2,3]
 +
(2) www.poetrypoem.com/mpb4
 +
[‘Exuberance and other poems’ /
 +
‘Poems : For A Better World /
 +
Passion and Compassion]
 +
(3) www.poetrypoem.com/mpb3
 +
[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
 +
‘A Handful Of Light’]
 +
(4) www.poetrypoem.com/mpb
 +
[‘Lyric-Lute’]
 +
 
 +
(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com
 +
[‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’]
 +
(6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com
 +
[ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]
 +
 
 +
        
  
आहतयुग
+
प्रस्तुति : डा. शालीनकुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]

18:58, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

=====================================================

महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ

=========================================

महेंद्रभटनागर


द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।

सन्१९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब कवि (पन्द्रह वर्षीय) 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) का छात्र था। सम्भवतः प्रथम कविता 'सुख-दुख' है; जो वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।

लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।

हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।

समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार। सन्१९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस / इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।

सन्१९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।

प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय — प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।

काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक। छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित। काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग। सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व। विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।

२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी. जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में। 'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त। कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।

सम्प्रति शोध-निर्देशक — हिन्दी भाषा एवं साहित्य।

अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।

सम्पर्क : डा. महेंद्रभटनागर सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.] फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८ / मो. ९८ ९३४ ०९७९३ E-Mail : drmahendra02@gmail.com drmahendrabh@rediffmail.com


'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'

खंड : १

१ तारों के गीत २ विहान ३ अन्तराल ४ अभियान ५ बदलता युग ६ टूटती शृंखलाएँ

खंड : २

७ नयी चेतना ८ मधुरिमा ९ जिजीविषा १० संतरण ११ संवर्त

खंड : ३

१२ संकल्प १३ जूझते हुए १४ जीने के लिए १५ आहत युग १६ अनुभूत-क्षण १७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध १८ राग-संवेदन

प्रतिनिधि संकलन

१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत] २० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]

मूल्यांकन / शोध

[१] महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :

               अन्तःअनुशासनीय आकलन
                 डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)

[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)

[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना ममता मिश्रा (स्व.)

[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)

[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)

[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)

[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)

[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)

[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)

[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.) डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)

[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर :

               अनुभूति और अभिव्यक्ति /

(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर) डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)

[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का

                 वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल

(शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा) डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)

[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व

                 (शोध / कर्नाटक वि.)

डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)

[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का

                 नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन

(शोध / दयालबाग डीम्ड वि., आगरा) डा. कविता शर्मा (आगरा)

[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना (शोध / कानपुर वि.) डा. अलका रानी (कन्नौज)

[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध (शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा) डा. मीना गामी (दरभंगा)

CRITICAL STUDY OF MAHENDRA BHATNAGAR'S POETRY

[1]The Poetry of Mahendra Bhatnagar : Realistic & Visionary Aspects Ed. Dr. O.P. Budholia

[2]Living Through Challenges : A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry By Dr. B.C. Dwivedy.

[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : His Mind And Art / (In Eng. & French) Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi

Works : Forty Poems of Mahendra Bhatnagar After The Forty Poems Exuberance and other poems Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry Death-Perception : Life-Perception Poems : For A Better World Passion and Compassion Lyric-Lute A Handful of Light Dawn to Dusk

Translations : In French : A Modern Indian Poet : Dr. Mahendra Bhatnagar : UN POÈTE INDIEN ET MODERNE / Tr. Mrs. Purnima Ray

In Tamil : Kaalan Maarum, Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal. In Telugu : Deepanni Veliginchu. In Kannad & In Bangla : Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh. In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita In Oriya : Kala-Sadhna. In Malyalam, Gujrati, Manipuri, Urdu. In Czech, Japanese, Nepali,

Links : HINDI www.blogbud.com/author 5652

ENGLISH-FRENCH www.poetrypoem.com/mpb1

ENGLISH (1) www.poetrypoem.com/mpb2 [Selected Poems 1,2,3] (2) www.poetrypoem.com/mpb4 [‘Exuberance and other poems’ / ‘Poems : For A Better World / Passion and Compassion] (3) www.poetrypoem.com/mpb3 [‘Death-Perception : Life-Perception’ /

‘A Handful Of Light’] 

(4) www.poetrypoem.com/mpb [‘Lyric-Lute’]

(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com [‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’] (6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com [ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]

  

प्रस्तुति : डा. शालीनकुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]