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"सांकळ / मोनिका गौड़" के अवतरणों में अंतर

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<poem>सांकळां तो सांकळां ई हुवै
 
<poem>सांकळां तो सांकळां ई हुवै

15:59, 21 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

सांकळां तो सांकळां ई हुवै
नांव कांई भी धरो
चायै टीको-रखड़ी करो
मंगळसूत, बंगड़ी धरो
पाजेब कै बिछिया
पण
सांकळ रो काम
फगत
बंधण घालणो ई हुवै
चायै लोहै सूं
चायै सोनै सूं।