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"अब तो ऐसे नहीं हालात, चलो सो जाएं / रविकांत अनमोल" के अवतरणों में अंतर
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अब तो गहरा गई है रात चलो सो जाएं | अब तो गहरा गई है रात चलो सो जाएं | ||
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ख़ाब में होगी मुलाकात चलो सो जाएं | ख़ाब में होगी मुलाकात चलो सो जाएं | ||
रात के साथ चलो ख़ाब-नगर चलते हैं | रात के साथ चलो ख़ाब-नगर चलते हैं | ||
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साथ तारों की है बारात चलो सो जाएं | साथ तारों की है बारात चलो सो जाएं | ||
रात-दिन एक ही होते हैं ज़ुनूं में लेकिन | रात-दिन एक ही होते हैं ज़ुनूं में लेकिन | ||
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अब तो ऐसे नहीं हालात चलो सो जाएं | अब तो ऐसे नहीं हालात चलो सो जाएं | ||
रात की बात कहेगी जो आँख की लाली | रात की बात कहेगी जो आँख की लाली | ||
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फिर से उट्ठेंगे सवालात चलो सो जाएं | फिर से उट्ठेंगे सवालात चलो सो जाएं | ||
नींद भी आज की दुनिया में बड़ी नेमत है | नींद भी आज की दुनिया में बड़ी नेमत है | ||
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ख़ाब की जब मिले सौगात चलो सो जाएं | ख़ाब की जब मिले सौगात चलो सो जाएं | ||
फिर से निकलेगी वही बात अपनी बातों में | फिर से निकलेगी वही बात अपनी बातों में | ||
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फिर बहक जांएंगे जज़्बात चलो सो जाएं | फिर बहक जांएंगे जज़्बात चलो सो जाएं | ||
वो जो कहते हैं तो 'अनमोल' मान लो उनकी | वो जो कहते हैं तो 'अनमोल' मान लो उनकी | ||
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कुछ तो होगी ज़रूर बात चलो सो जाएं | कुछ तो होगी ज़रूर बात चलो सो जाएं |
22:10, 4 नवम्बर 2013 का अवतरण
अब तो गहरा गई है रात चलो सो जाएं
ख़ाब में होगी मुलाकात चलो सो जाएं
रात के साथ चलो ख़ाब-नगर चलते हैं
साथ तारों की है बारात चलो सो जाएं
रात-दिन एक ही होते हैं ज़ुनूं में लेकिन
अब तो ऐसे नहीं हालात चलो सो जाएं
रात की बात कहेगी जो आँख की लाली
फिर से उट्ठेंगे सवालात चलो सो जाएं
नींद भी आज की दुनिया में बड़ी नेमत है
ख़ाब की जब मिले सौगात चलो सो जाएं
फिर से निकलेगी वही बात अपनी बातों में
फिर बहक जांएंगे जज़्बात चलो सो जाएं
वो जो कहते हैं तो 'अनमोल' मान लो उनकी
कुछ तो होगी ज़रूर बात चलो सो जाएं