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/* नज़्में */
* [[दर्द के हीले ग़म के बहाने / अज़ीज़ क़ैसी]]
* [[हर शाम जलते जिस्मों का गाढ़ा धुआँ है शहर / अज़ीज़ क़ैसी]]
* [[उलझाए उलझाव का मज़ा भी तेरी बात ही में था / अज़ीज़ क़ैसी]]
* [[उन्हें सवाल ही लगता है / अज़ीज़ क़ैसी]]