भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सवाल / गौरीशंकर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गौरीशंकर |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} {{KKCatRajasthaniRa...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:34, 23 नवम्बर 2013 के समय का अवतरण

म्हैं सूंपणी चावूं
स्सो कीं
पण ओ जग
सवाल खड़ा करै।
म्हैं पडूत्तर देवणी चावूं
पण ओ जग
सवाल माथै
सवाल खड़ा करै।
सोचूं-
म्हारो सूंपणो महताऊ है
कै सूंपण माथै खड़्या होया
सवालां रो पडूत्तर देवणो।
सोधूं म्हैं
उण जीव नैं
जको सूंपण नैं ई
सब सूं मोटो मानै।