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"ख़ूबसूरत लगा चाँद कल / रमेश 'कँवल'" के अवतरणों में अंतर

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18:33, 23 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण

खूबसूरत लगा चांद कल
मैंने उसको सुनार्इ ग़ज़ल

ख़्वाब के झील में ले गर्इ
ख़ूबसूरत सी उसकी पहल

शहर में फिर धमाका हुआ
गांव कस्बे गये फिर दहल

ख़ूबसूरत खिलौनों को छू
सारे बच्चे गये कल मचल

डायबेटिज़ का मत साथ दे
तू सवेरे-सवेरे टहल

सादगी ने किया बेज़ुबां
क्या बयां आपका है'कंवल’