भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जन्मदिन / राजा खुगशाल

13 bytes removed, 03:43, 29 दिसम्बर 2013
उत्साेह और उम्मी दों के साथ
नए विचार और नए संकल्पोंम के साथ
बार-बार आना चाहिए तुम्हेंेतुम्हें
अंधेरे में रोशनी की तरह
जैसे तनख्वा ह का दिन आता है
जैसे राशन आता है घरों में
समुद्र में ज्वाैर ज्वार आता है जैसे जैसे सन्ना टे सन्नाटे में तूफान बुरे दिनों के बाद अच्छेन अच्छे दिन
जैसे नहर में पानी
खिड़कियों से धूप और हवा
जैसे अपने गाँव आते हैं वर्षों बाद लोग
जन्म दिन तुम्हाररे तुम्हारे आने पर
जन्म होना चाहिए एक नए दिन का।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,130
edits