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"वंदना/भजन / मानोशी" के अवतरणों में अंतर

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('<poem>सब के जीवन में कर दो प्रभु खुशियों की बौछार। सब का...' के साथ नया पन्ना बनाया)
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08:44, 1 जनवरी 2014 का अवतरण

सब के जीवन में कर दो प्रभु
खुशियों की बौछार।
सब का जीवन सुख से भर दो,
सुखमय हो संसार॥

जीवन पथ पर कांटें हों पर,
साथ रहे फूलों का
कठिन राह में ’गर संग तुम हो,
फिर क्या भय शूलों का,

सुख-दुख सब कुछ प्रेम तुम्हारा,
जीवन इक उपहार॥

सह न सकूँ यदि दर्द कभी तो,
संबल बन रहना तुम,
बह निकले ’गर आंसू,
करना मोती का गहना तुम,

अपने दुख में रो न पड़ूँ प्रभु,
करना ये उपकार॥

मंदिर में मैं आया लेकिन
तुम से मिल ना पाया,
सूने मन में झांका जब तो
दिखी तुम्हारी छाया,

भजन बिना है पूजा मेरी,
करना तुम स्वीकार॥