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{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
|संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री
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<poem>
 
बहुत करीब हो तुम
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बहुत करीब हो तुम, फिर भी मुझसे कितनी दूर
कि दिल कहीं है, नज़र है कहीं, कहीं तुम हो
१.अग्निज्वाला पीने की इच्छा २.मिठास से भरा प्याला और शहद से भरा प्याला ३.उद्विग्नता ४.समीर ५.अभिमान ६.शरीर की दूरी ७.आत्मा की दूरी ८.सैकड़ों सूर्य और चंद्रमाओं की मंज़िल ९.निगाहों की दूरियों का संकोच।
<poem>
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