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"सनसनीखेज़ हुआ चाहती है / नवीन सी. चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर

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14:10, 26 फ़रवरी 2014 के समय का अवतरण

सनसनीखेज़ हुआ चाहती है
तिश्नगी तेज़ हुआ चाहती है

हैरत-अंगेज़ हुआ चाहती है
आह - ज़रखेज़ हुआ चाहती है

अपनी थोड़ी सी धनक दे भी दे
रात रँगरेज़ हुआ चाहती है

आबजू देख तेरे होते हुये
आग - आमेज़ हुआ चाहती है

बस पियाला ही तलबगार नहीं
मय भी लबरेज़ हुआ चाहती है

रौशनी तुझ से भला क्या परहेज़
तू ही परहेज़ हुआ चाहती है

हम फ़क़ीरी के 'इशक' में पागल
जीस्त - पर्वेज़ हुआ चाहती है