भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चिट्ठियाँ तारन्ता बाबू के नाम-11 / नाज़िम हिक़मत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKAnooditRachna | {{KKAnooditRachna | ||
|रचनाकार=नाज़िम हिक़मत | |रचनाकार=नाज़िम हिक़मत | ||
− | |संग्रह=चलते | + | |संग्रह=चलते फ़िरते ढेले उपजाऊ मिट्टी के / नाज़िम हिक़मत |
}} | }} | ||
[[Category:तुर्की भाषा]] | [[Category:तुर्की भाषा]] |
21:19, 29 नवम्बर 2007 का अवतरण
|
आज रात
इल ड्यूस ने
धूसर घोड़े पर सवार हो
भाषण दिया
- पाँच सौ पायलटों के सामने ।
कल
- वे उड़ेंगे अफ़्रीका की ओर
लेकिन वह ख़ुद
इस वक़्त खा रहा है मैकारोनी
अपने विशाल महल में
मैकारोनी=एक इतालवी पकवान