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"मिस्टर के की दुनिया: पेड़ और बम-६ / गिरिराज किराडू" के अवतरणों में अंतर

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12:15, 2 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

प्रेम में हम सब गलत ट्रेन पकड़ते हैं
हमारी घड़ियाँ समय हमेशा गलत बताती हैं
तुम जिससे दस बरस पहले प्रेम करते थे
उसे अब प्रेम है तुमसे
अब जबकि किसी और की घड़ी में प्रेम समय बजा है