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"न्यूयार्क के लिए एक क़ब्र-1 / अदोनिस" के अवतरणों में अंतर

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23:38, 2 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

यहाँ तक
धरती का चित्र खींचा गया है एक नाशपाती की तरह -–
मेरा मतलब है एक स्तन -–
लेकिन, एक स्तन और क़ब्र के पत्थर के दरम्यान कुछ भी नहीं
सिवा एक अभियांत्रिकी करामात :

न्यूयॉर्क

चार पैरों वाली एक सभ्यता; हर दिशा एक हत्या
और हत्या को जाने वाला रास्ता,
और दूर
डूब रहों की कराहें ।

न्यूयॉर्क

एक औरत -– एक औरत का बुत,
एक हाथ में उठाए हुए चीथड़े जिनका नाम है स्वतन्त्रता
काग़ज़ के पन्ने जिन्हें हम इतिहास का नाम देते हैं,
और दूसरे हाथ से दम घोंटती हुई
एक बच्चे का, जो हमारी धरती है.

न्यूयॉर्क

डामर के रंग की एक देह. उसकी कमर के गिर्द
एक सीला हुआ कमरबंद, इसका चेहरा एक बन्द खिड़की है … मैंने कहा : वाल्ट
व्हिटमैन खोलेंगे इसे -– मैं बताता हूँ शुरुआती पासवर्ड -–
लेकिन कोई सुनता नहीं उसे सिवा एक ईश्वर के जो अपनी जगह नहीं है. उसके कण्ठ से
बहते आते हैं क़ैदी, ग़ुलाम, कंगले, चोट्टे और
बीमार, लेकिन कोई सूराख नहीं न कोई रास्ता. और मैंने कहा :
ब्रुकलिन पुल ! लेकिन यह व्हिटमैन और वॉल स्ट्रीट को
जोड़ने वाला पुल है, घास की पत्तियों को डॉलर की पत्तियों से जोड़ने वाला पुल …

न्यूयॉर्क – हार्लेम

कौन है जो नज़दीक आ रहा है रेशम का एक गिलोटीन लिए ?
कौन है जो विदा हो रहा है हडसन नदी जितनी लम्बी एक क़ब्र में ?
विस्फोटित हो, ओ, आँसुओं के अनुष्ठानो; आपस में गुँथ जाओ, ओ, थकानभरी चीज़ो । नीलापन, पीलापन, गुलाब, चमेली;
रोशनी तीखा बना रही है अपनी कीलों को, और उनकी चुभन में
जन्म लेता है सूरज । ओ, घाव, छिपे हुए जाँघ और
जांघ के बीच, क्या तुम हो यह धधकते हुए? क्या मृत्यु की चिड़िया
तुमसे मिलने आई थी, क्या तुमने सुन लीं आख़िरी वेदनाएँ ? एक रस्सी और एक गर्दन
जकड़ लेते हैं निराशा को,
और समय की उदासी रक्त को ।

न्यूयॉर्क – मेडीसन – पार्क एवेन्यू – हार्लेम

काम जैसा आलस, आलस जैसा काम । दिलों में ठूँस दी
गई है स्पंज, हाथ जला दिए गए हैं सरकण्डों के साथ ।
धूल के ढेरों और एम्पायर स्टेट के मुखौटों से
खड़ा उठता है इतिहास, पन्ना-दर-पन्ना टँगी हुई दुर्गन्ध :
आँखें नहीं सिर है अन्धा
शब्द नहीं ज़ुबान है निर्वासन ।

न्यूयॉर्क – वॉल स्ट्रीट – ट्वेंटी फ़िफ्थ स्ट्रीट – फ़िफ्थ स्ट्रीट

एक मेदूसियाई प्रेत उठता है कन्धे और कन्धे के दरम्यान से ।
सारी प्रजातियों के गुलामों के लिए एक बाज़ार. काँच के बग़ीचों में
पौधों की तरह रह रहे लोग । दयनीय, अदृश्य लोग
धूल की तरह भेद देते हैं अन्तरिक्ष के कपड़े को -– सर्पीले शिकार ।

सूरज है अंत्येष्टि की सूचना
और काला ढोल दिन की रोशनी ।