भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"राजनीति-२ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह= }} ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:06, 3 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
आप जान गये हैं
हाथ तभी रह सकते हैं
सलामत
जब वे
सलामी बजाना
सीख लें