भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समाजवाद / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालसिंह दिल |अनुवादक=सत्यपाल सहग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:02, 7 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

समाजवाद ने
क्या खड़ा किया?

गर व्यक्तिवाद
गिराया ही नहीं?

मछली पक भी जाए
औ’ जिन्दा भी रहे?