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"जच्चा मेरी भोली / खड़ी बोली" के अवतरणों में अंतर

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19:52, 3 दिसम्बर 2007 का अवतरण

जच्चा मेरी भोली –भाली री
के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री

सास-नणद की चुटिया फाड़ै
आई गई का लहँगा री

के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री

ससुर –जेठ की मूछैं फाड़ै
आए- गए का खेस उतारै

के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री
जच्चा मेरी भोली –भाली री