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"फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / 'अना' क़ासमी" के अवतरणों में अंतर
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है कोई रंग जो हो इश्क़े-ख़ुदा से बेहतर | है कोई रंग जो हो इश्क़े-ख़ुदा से बेहतर | ||
अपने आपे में चढ़ा लो उसी इक ज़ात का रंग | अपने आपे में चढ़ा लो उसी इक ज़ात का रंग | ||
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20:22, 26 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग
हाथ मिलते ही उतर आया मेरे हाथों में
कितना कच्चा है मिरे दोस्त तिरे हाथ का रंग
है ये बस्ती तिरे भीगे हुए कपड़ों की तरह
तेरे इस्नान-सा लगता है ये बरसात का रंग
शायरी बोलूँ इसे या के मैं संगीत कहूँ
एक झरने-सा उतरता है तिरी बात का रंग
ये शहर शहरे-मुहब्बत की अलामत था कभी
इसपे चढ़ने लगा किस-किस के ख़्यालात<ref>सोच </ref> का रंग
है कोई रंग जो हो इश्क़े-ख़ुदा से बेहतर
अपने आपे में चढ़ा लो उसी इक ज़ात का रंग
शब्दार्थ
<references/>