भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बिरछ / संतोष मायामोहन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संतोष मायामोहन |संग्रह=मंडाण / नी...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
07:21, 10 मई 2014 के समय का अवतरण
बिरछ
सूंपै पात
नव पल्लव पांगरै।
म्हूं
सूंपूं
देह,
पाऊं
नव देह-धर।