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"मोबाइल / घनश्याम नाथ कच्छावा" के अवतरणों में अंतर
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जीवण
जियां-
मोबाइल रो सैट
अर
‘सिम’ इणरी आतमा
सांसां सूं रिचार्ज
हुवै आ काया।
मोबाइल सैट-सी
बणी
इण मिनखाजूण सूं
मिनखपणै री ‘रिंगटोन’
गायब हुयगी
अबै
जीवण रो मोबाइल
खाली सांसां रो
खोळियो हुय’र
बिना चेतना रै पाण
‘वायबरेशन’ रै माथै इज
पड़्यो है।