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"मेरे शहर के पाटे- 2 / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

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मेरे शहर के लोग
भोले और सीधे
सपाट बात
बे लाग
रोज करते हैं
एक ही पाटे पर
शंकर और रहीम
शोभना और मरियम
समय तुम्हारा- शहर हमारा