भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पानी / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह=सब के साथ ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:01, 14 मई 2014 के समय का अवतरण
मुझे मेरा पानी लौटा दो
मेरा यह शरीर
मेरे चेहरे की मुस्कान
उसका थका सा चेहरा
सब कुछ बोल रहा हैं
कि तुमने
मेरा पानी
लिया नहीं चुराया
अपने में भर लिया
उसी से तो तुम
जिन्दा हो
ऐसे ही पानी का
शरीर है तुम्हारा
तुम्हारा पानी तो
कभी का
सूख चुका!
नही हैं तुम्हारे पास
कोई अपना पानी?