भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यह प्रसाद हों पाऊं श्री यमुना जी / परमानंददास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परमानंददास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:37, 16 मई 2014 के समय का अवतरण

यह प्रसाद हों पाऊं श्री यमुना जी।
तिहारे निकट रहों निसिबासर राम कृष्ण गुण गाऊँ॥१॥
मज्जन करों विमल जल पावन चिंता कलह बहाऊं।
तिहारी कृपा तें भानु की तनया हरि पद प्रीत बढाऊं॥२॥
बिनती करों यही वर मांगो, अधमन संग बिसराऊं।
परमानंद प्रभु सब सुख दाता मदन गोपाल लडाऊं॥३॥