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नन्द बधाई दीजे हो ग्वालन।
तुमारे स्याम मनोहर आये गोकुल के प्रतिपालन॥१॥
युवतिन बहु विधि भूषन दीजे विप्रन को गौदान।
गोकुल मंगल महा महोत्सव कमल नैन घनस्याम॥२॥
नाचत देव विमल गंधर्व मुनि गावे गीत रसाल।
परमानन्द प्रभु तुम चिरजीयो नंदगोप के लाल॥३॥